रहबर-ऐ-राहे तरीक़त आं बुवद
को ब अहकाम-ऐ-शरीअत मी रवद
Rahbar-e-Raahe Tareeqat Aan Buwad
Ko Ba Ahkaam-e-Shariyat Mi Rawad
- Moulana Jalaludin Rumi
तरीक़त कि राहों का रहबर वोही हो सकता है जो
शरीअत के अहकाम का खुद पाबंद हो,
क्युंकी अगर वो खुद पाबंद होगा तभी तो मुरीदों को
इसकी हिदायत कर सकेगा ।
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